Ashwagandha Farming Business Ideas :-अश्वगंधा को एक कैश कॉर्प मतलब पैसों की फसल से भी जाना जाता है क्यों कि अश्वगंधा जो कि औषधीय गुणों से भरपूर फसल है इसलिए इसकी मार्किट में माँग हमेशा बानी रहती है। और जो किसान इस फसल को कर रहे है वो आज बहुत मोती कमाई कर रहे है।
अश्वगंधा क्या है ?
अश्वगंधा को असमंद नाम से भी जाना जाता है ,यह एक तरह का रुखड़ी या झाड़ीनुमा पौधा होता है ,जिसकी लम्बाई लगभग 1.5 मीटर तक चली जाती है।अधिकतर यह शुष्क और उष्ण कटिबंधीय जलवायु में पैदा होता है ,भारत में यह उत्तर पश्चिमी और मध्य भारत के क्षेत्र में उगाया जाता है
अश्वगंधा का वैज्ञानिक नाम क्या है ?
अश्वगंधा या असगंध का वैज्ञानिक नाम विथानिया सोम्निफेरा (Withania somnifera) है।
अश्वगंधा का रंग कैसा होता है ?
अश्वगंधा का पौधा हलके हरे रंग का होता है ,और इसपर नारंगी लाल रंग के पके हुए फल होते है।
अश्वगंधा का कौन सा भाग औषधि के काम आता है?
मुख्यतः अश्वगंधा कि जड़,पत्तियां और बीज का उपयोग आयुर्वेद में औषद्यि के रूप में प्राचीन कल से होता आ रहा है।
अश्वगंधा के लाभ क्या क्या है ?
- यह इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाता है जिससे शरीर रोगों से लड़ने में सक्षम हो जाता है।
- कोलेस्ट्रॉल को काम करता है
- शुगर के मरीजों के लिए यह राम बाण इलाज का काम करता है
- हृदय सम्बन्धी रोगों में गुड़करी माना गया है
- घाव को जल्दी भरता है
- डिप्रेसइन और तनाव को कम करता है
- मांसपेशियों को मजबूत करता है
- आँखों के लिए और कैंसर जैसे रोगों में भी यह काम आता है
भारत में अश्वगंधा कि खेती कहाँ कहाँ पर होती है?
हरियाणा ,मध्य प्रदेश,उत्तर प्रदेश ,राजस्थान ,महाराष्ट्र,पंजाब और गुजरात इसकी खेती करने वाले मुख्या राज्य है।
अश्वगंधा के सामान्य नाम (Common Names of Ashwagandha)
असगंध, नागौरी असगंध, पुनीर, विंटर चेरी, ज़हर आंवला, और भारतीय जिनसेंग
कैसे करें अश्वगंधा की खेती?
खेती के लिए किन बातों का ध्यान रखना चाहिए ?
Ashwagandha Farming को आप एक Business Ideas तौर पर ले सकते है जिसमें आपको अधिक लाभ मिलेगा ,इसकी खेती बलुई दोमट और लाल मिटटी में बहुत अच्छी होती है
- खेती के लिए तापमान 25-3० डिग्री
- वर्षा -500-750 मिलीमीटर
- नमीदर खेत
- शुष्क मौसम
- 7.5 से 8.0 की सीमा में पीएच
- तीली दोमट या हल्की लाल मिट्टी
अश्वगंधा की बुवाई का उपयुक्त समय (Sowing Period) कौन सा है ?
जुलाई से लेकर शुरुआत का अगस्त के महीने में नर्सरी तैयार कर सकते है क्यों की इस समय वारिश का मौसम बहुत उपयुक्त होता है।
अश्वगंधा के पौधों की बुवाई के तरीके
- कतार विधि का इस्तेमाल करके -इसमें पौधे से पौधे के बीच की दूरी कम से कम 5 सेंटीमीटर और लाइन से लाइन की दूरी लगभग 20 सेंटीमीटर रखनी होती है।
- छिड़काव विधि -दूसरी विधि में आप खेतों में जुताई के कुछ समय बाद इसके बीजों को मिट्टी रेत में डालकर खेतों में फैला सकते है और 1 वर्ग मीटर में 30 से 40 पौधे आराम से लग जाएंगे।
अश्वगंधा की फसल कितने दिन में तैयार हो जाती है?
प्रति हेक्टेयर में 10-12 किलोग्राम बीज उपयोग में लाया जाता है, 7-8 दिन बाद बीजों से अंकुरण निकलना शुरू हो जाता है,
इस फसल को आप साल भर में दो बार कर सकते है ,पहली बार आप फरबरी मार्च के महीने में और दूसरी बार अगस्त और सप्तम्बर में।
फसल तैयार होने में कितना समय लगता है ?
तक़रीबन आपको 5 महीने में ये फसल तैयार हो जाएगी।
अश्वगंधा में कौन सा खाद डालें?
खाद के रूप में आप गोबर की खाद का उपयोग कर सकते है ,आपको उपयोग फसल से पहले करना होगा और अच्छी मात्रा में सही से मिट्टी में गोबर की खाद मिलनी होगी ,इसके बाद आपको कोई भी किसी तरह की उर्वरक डालने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
इस खेती में किसी तरह के रोग का लगाना भी बहुत ही कम होता है और इनको पौधों को आवारा पशु नुकसान नहीं खाते है क्यों की उनको ये पौधे खाने में अच्छी नहीं लगते है। बस बीच में आप सिचाई और फिर कटाई पर ध्यान दो बस आपको फसल अच्छे से तैयार हो जाएगी।
अश्वगंधा की खेती में कितना खर्च आता है ?
एक हेक्टेयर यानी लगभग 2.5 एकड़ में की जाए तो आपको 40-50 हजार रुपये का खर्च आ जाएगा।
एक हेक्टेयर में अश्वगंधा कितनी होती है?
Ashwagandha Farming Business के इस Ideas में आपको एक हेक्टेयर में 800-1000 किलो तक अश्वगंधा पैदा हो जाता है ,जिससे लगभग 1.5 लाख रुपये की कमाई होगी मतलब लगभग 1 लाख का शुद्ध मुनाफा मिलेगा और अगर आप फसल को साल में दो बार करेंगे तो 2 लाख का मुनाफा होगा ,इसके अलावा अश्वगंधा के झाड़ भी बेच सकते है ,बीज भी लगभग एक हेक्टेयर में 50 किलो बीज निकल जाते है जिनकी मार्किट में कीमत 130-150 रुपये प्रति किलो होती है ,कुल मिलाकर इस खेती में आप 3-4 गुना मुनाफा आसानी से ले सकते है।
अश्वगंधा कितने रुपए किलो बिकता है?
बाजार में अश्वगंधा की कीमत उसके क्वालिटी पर निर्भर करती है ,अवश्वगंधा की जड़ 150 रुपये से 200 रुपये प्रति किलो तक की रेट पर बिकती है और वहीं झाड़ भी 15 रुपये किलो के करीब बिकता है।
अश्वगंधा कितनी तरह की किस्म होती है ?
अश्वगंधा किस्म | बीज की उपज |
जवाहर असगन्द 20 | 5 -6 क्विंटल /हेक्टेयर सुखी जड़ |
जवाहर असगन्द 134 | 6-8 क्विंटल /हेक्टेयर सुखी जड़ |
राज विजय अश्वगंधा | 100 6-7 क्विंटल /हेक्टेयर सुखी जड़ |
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