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Happy Constitution Day 2023 -19 नवंबर 2015 को, सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय ने नागरिकों के बीच संविधान मूल्यों को बढ़ावा देने के लिए हर साल 26 नवंबर को ‘संविधान दिवस’ के रूप में मनाने के भारत सरकार के निर्णय को अधिसूचित किया।
26 नवंबर 1949 को भारत की संविधान सभा ने भारत के संविधान को अपनाया, जो 26 जनवरी 1950 से लागू हुआ। constitution day जिसे ‘संविधान दिवस’ के नाम से भी जाना जाता है, भारत के संविधान को अपनाने के उपलक्ष्य में हर साल 26 नवंबर को भारत में मनाया जाता है।
सन 2015 में इस दिवस की मनाये जाने की निवराखि गयी थी ,यह वह दिन था जब संबिधान के निर्माता डॉ भीम राव अम्बेडकर की 125 वी जयंती थी। इस दिन स्कूल कॉलेजों और सरकारी कार्यालयों में तरह तरह के सांस्कृतिक कार्यक्रम मनाये जाते है।
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200 सैलून की गुलामी के बाद जब देश आजाद हुआ तब संबिधान नहीं था और भारत के सामने संबिधान बनाने की एक चुनौती थी क्यों की कोई भी देश बिना संबिधान के नहीं चल सकता था। जिसके लिए 1946 में घटित संबिधान सभा ,जिसके प्रमुख सदस्य डॉ राजेंद्र प्रसाद ,जवाहर लाल नेहरू ,श्यामा प्रसाद मुखर्जी ,सरदार बल्लभ भाई पटेल ,डॉ भीम राव अम्बेडकर,अबूल कलाम आजाद आदि थे
संबिधान बनाने में 2 वर्ष ,11 महीने ,18 दिन लगे थे ,जो 26 नवंबर 1949 को पूरा हो पाया था। इसे संबिधान दिवस के साथ साथ राष्ट्रीय कानून दिवस के रूप में भी जाना जाता है। संबिधान को स्वीकृति मिलने के बाद 26 जनवरी 1950 को इसे लागूकर दिया गया।
संविधान दिवस महत्वपूर्ण बहुत है क्योंकि यह नागरिक मूल्यों को सुदृढ़ करता है, नागरिकों को उनके संवैधानिक अधिकारों के बारे में शिक्षित करता है और राष्ट्र का मार्गदर्शन करने वाले लोकतांत्रिक सिद्धांतों की गहरी समझ को बढ़ावा देता है। संविधान दिवस एक यादगार के रूप में कार्य करता है कि भारत की ताकत संवैधानिक सिद्धांतों के प्रति प्रतिबद्धता और एक न्यायपूर्ण और समावेशी समाज की निरंतर खोज में निहित है।
भारतीय संबिधान दुनियां के बहुत अच्छे सम्बिधानों से प्रेरित होकर बनाया गया है ,और यह अब तक का सबसे बड़ा लिखित संबिधान है। इसकी गतिशीलता इसे विकासशील राष्ट्र की उभरती जरूरतों को संबोधित करती है , बदलते समय के साथ अनुकूलन करने की अनुमति देती है। और प्रत्येक नागरिक को इस मार्गदर्शक दस्तावेज़ में निहित मौलिक अधिकारों और कानूनों के बारे में पता होना चाहिए।
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